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ट्रान्स ध्यान क्या है और इसकी तकनीक क्या है?

प्राचीन काल में ध्यान को सबसे ज्यादा महत्वता दी गई थी। हमारे ऋषि-मुनि घंटों तक ध्यान करते थे और उनके ध्यान लगाने की वजह से उनमे अपार शक्ति थी। ध्यान की कई विधियां है और कई तरीके है जिसके बारे में जानना बहुत जरुरी है।

ध्यान का मतलब होता है खुद से बात करना और खुद के बारे में सोचना, अपनी अंतरात्मा से संपर्क करना। ध्यान को बहुत ही शक्तिशाली आध्यात्मिक अभ्यास माना जाता है। वैसे तो ध्यान करने के बहुत तरीके हैं और ध्यान को कभी भी कहीं भी किया जा सकता है । लेकिन हर कोई एक दिन में ध्यान सीख ले ऐसा संभव नहीं है। जिसने सही तरीके से ध्यान को कर दिया, वो अपने जीवन को बहुत ही आसान बना सकता है। ध्यान का उद्देश्य हमारे मन पर कण्ट्रोल पाना है।

आज हम ध्यान की ही एक विधि ट्रान्स मेडिटेशन के बारे में जानेंगे। और साथ ही जानेंगे इसको कैसे किया जाता है और इसके फायदे । आपने शायद इस तरह के ध्यान के बारे में पहली बार सुना होगा, लेकिन यह अपने आप में बहुत ही कमाल की ध्यान लगाने की टेक्निक है। आईये जानते है ट्रान्स ध्यान के बारे में विस्तार से ।

हमारी सेवाएं

हम अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न वास्तु सेवाएं और परामर्श प्रदान करते हैं।

ट्रान्स ध्यान क्या है?

यह बहुत ही सरल और प्राकृतिक ध्यान विधि है। इस ध्यान में हमें ज्यादा प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि यह ध्यान अपने आप ही होने लगता है। इसमें ध्यान को किसी ध्वनी, मंत्र, सांस लेने की ताल आदि पर केन्द्रित किया जाता है। यह ध्यान हमारे मन को बहुत शांत और शरीर को बिलकुल हल्का कर देता है। इस ध्यान की लोकप्रियता प्रतिदिन बढती जा रही है। इसे जानकारों और वैज्ञानिकों द्वारा भी प्रमाणित किया जा चुका है। इसका इतना असर है कि विदेशों में भी इस ध्यान विधि को सिखाते है।

क्या ख़ास है ट्रान्स ध्यान विधि में?

इसकी सबसे ख़ास बात यह है की इसमें हमें किसी तरह की ज्यादा कोशिश नहीं करनी पड़ी, क्योंकि यह ध्यान विधि बहुत ही आसान है।
इसमें ध्यान लगाने के लिए किसी प्रकार की एकाग्रता की जरूरत नहीं पड़ती।
इसमें हमें मन पर भी कण्ट्रोल नहीं रखना पड़ता और यही इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत है, क्योंकि मन पर हर किसी का कण्ट्रोल नहीं होता।
इसमें किसी वस्तु पर भी ध्यान लगाना नहीं होता।
यह ध्यान मन की शांति और अवसाद से निपटने के लिए किया जाता है जिसे वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित किया है।

ट्रान्स ध्यान लगाने का तरीका

इस ध्यान विधि को कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। इसके लिए कोई ख़ास टाइम और ख़ास जगह की जरूरत नहीं है।
यह दुनिया भर में सबसे तेजी से फैलने वाली ध्यान विधि है जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे है।
देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग इस ध्यान विधि को सिखाते है।
ट्रान्स ध्यान को हमें सुबह और शाम 20-20 मिनट करना होता है।
इस ध्यान को करते समय हमें कुछ मन्त्रों का उच्चारण भी करना होता है। जो हमें ध्यान शिक्षक द्वारा दिए जाते है।
इस ध्यान विधि का उपयोग करके कई लोगों ने फायदे उठाये है जिसमें बड़ी हस्तियाँ भी शामिल है।

ट्रान्स ध्यान करने के फायदे

इस ध्यान को करने से हम अवसाद और चिंता से बच सकते है।
यह ध्यान मन की शान्ति के लिए बहुत फायदेमंद है।
इस ध्यान को करने से ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
हार्ट के मरीजों के लिए यह ध्यान विधि सबसे बेहतरीन है।
यह हमारे शरीर में ऊर्जा को उत्पन्न करता है जिससे हम पूरे दिन स्फूर्ति से भरे रहते है।
यह ध्यान दिमाग की सोचने की शक्ति को बढाता है।
अनिंद्रा से छुटकारा दिलाता है।
ट्रान्स ध्यान करने से हमारा मन, शरीर और दिमाग मजबूत होता है।
इतना ही नहीं, ट्रान्स ध्यान करने से हम हमारी 6 इन्द्रियों पर कण्ट्रोल पा सकते है।

ट्रान्स ध्यान सीखने के लिए आजी संपर्क करे 9921000069